महाराष्ट्र के हिंगोली इलाके में भूकंप के झटके महसूस हुए. भूकंप का पहिला झटका सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर महसूस किया गया.
रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 रही वही.भूकंप का दूसरा झटका सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर महसूस किया गया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज़ की गई.
महाराष्ट्र के हिंगोली परिसर में गुरूवार को सुबह सुबह एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस किये गये .ये झटके लगभग 10 मिनट के अंतराल में दर्ज़ किये गए.
हिंगोली में पहिला झटका सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर महसूस किया गया,रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 रही.
वही, भूकंप का दूसरा झटका सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर महसूस किया गया, रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज़ की गई.
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
भूकंप कैसे आते हैं, यह समझने के लिए हमें सबसे पहले पृथ्वी की संरचना को वैज्ञानिक रूप से समझना होगा।
टेक्टोनिक प्लेटें पृथ्वी को सहारा देती हैं। इसके नीचे टेक्टोनिक प्लेटें तरल लावा के ऊपर तैरती रहती हैं। ये प्लेटें कभी-कभी एक-दूसरे से टकरा सकती हैं। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने कभी-कभी मुड़ सकते हैं और जब दबाव बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो प्लेटें टूटने लगती हैं।
इस तरह की स्थिति में नीचे से उठने वाली ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ लेती है। जब इससे कंपन होता है तो भूकंप आता है.
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
रिक्टर पैमाने का उपयोग भूकंप को मापने के लिए किया जाता है।
रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल, जिसे रिक्टर स्केल के रूप में भी जाना जाता है, एक गणितीय उपकरण है जिसका उपयोग भूकंपीय तरंगों की ताकत को मापने के लिए किया जाता है।
भूकंपों को उनके केंद्र या केंद्र के आधार पर रिक्टर पैमाने पर 1 से 9 तक रैंक किया जाता है। भूकंप के दौरान पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर यह पैमाना तीव्रता मापी जाती है।
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